अपने इन-ऐप भुगतान गाईडलाइन का पालन न करने के लिए मैट्रिमोनी.कॉम (Matrimony.com) और नौकरी खोज ऐप सहित लोकप्रिय डेवलपर्स (developers) सहित एक दर्जन डेवलपर्स को हटाने के कुछ दिनों बाद, Google ने मंगलवार को अपने प्ले स्टोर पर भारतीय कंपनियों के सभी हटाए गए ऐप्स को बहाल (resumed) करने पर सहमति व्यक्त की।
सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को सुलझाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्षों की बातचीत के बाद Google ऐप्स को बहाल (resumed) करने पर सहमत हुआ।
दूरसंचार (telecommunication) और सूचना (Information) एवं टैकनोलजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अमेरिकी टैकनोलजी दिग्गज भारत की टैकनोलजी विकास यात्रा का समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा, “Google और स्टार्टअप समुदाय ने हमसे मुलाकात की है, (और) हमारी बहुत रचनात्मक (creative) चर्चा हुई है…Google सभी ऐप्स को सूचीबद्ध (List) करने के लिए सहमत हो गया है।”
Google द्वारा ऐप्स को हटाए जाने के साथ, भारत सरकार ने इसे ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए निष्कासन पर कड़ी आपत्ति जताई।
इसके बाद, Google ने शनिवार को कुछ ऐप्स को पुनर्स्थापित (restore) करना शुरू कर दिया, जो इन-ऐप भुगतान (Payment) पर 11-25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करने या ऐप के बाहर धन-संबंधी लेनदेन करने के लिए उसके गाईडलाइन का पालन करने के लिए सहमत हुए।
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उस संकट का समाधान खोजने के लिए, जिसे कुछ लोगों द्वारा इंटरनेट के लिए काला दिन करार दिया जा रहा था, वैष्णव और सूचना (Information) और प्रौद्योगिकी (Technology) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर दोनों ने सोमवार को Google और ऐप मालिकों के साथ कई दौर की चर्चा की।
वैष्णव ने मंगलवार को घोषणा की कि Google शुक्रवार सुबह की स्थिति यानी प्री-डीलिस्टिंग (Pre-Delisting) को बहाल (resumed) करने के लिए सहमत हो गया है।
उन्होंने कहा, ”हमें विश्वास है कि गूगल और स्टार्टअप समुदाय आने वाले महीनों में दीर्घकालिक (long term) समाधान निकालने में सक्षम होंगे।” उन्होंने संकेत दिया कि दोनों पक्ष अब बैठेंगे और सेवा शुल्क (service tax) लगाने के मुद्दे को सुलझाएंगे।
विवरण के अनुसार, मेटा और गूगल जैसे तकनीकी दिग्गजों के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता (consumer) इंटरनेट बाजार है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने भू-राजनीतिक (geopolitical) प्रभाव का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रही है, वे या तो भारतीय बाजार को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं या उस पर हमला नहीं कर सकते हैं।
Google द्वारा ऐप्स को डीलिस्ट करने के एक दिन बाद, वैष्णव ने सरकार की सोच का खुलासा किया और कहा कि निष्कासन अस्वीकार्य था और “स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें आवश्यकता है”।
इसके बाद सरकार ने मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को सोमवार को बैठक के लिए बुलाया।
इससे पहले 2020 में, Google ने कुछ नीति उल्लंघनों का हवाला देते हुए लोकप्रिय भुगतान ऐप (payment app) Paytm को अपने प्ले स्टोर से कुछ समय के लिए हटा दिया था। इससे उद्योग जगत (industrial world) में व्यापक आक्रोश फैल गया और स्टार्टअप्स ने टेक (tech) दिग्गज के खिलाफ कानूनी चुनौतियों का सामना करने के लिए हाथ मिला लिया। बाद में, उन्होंने अपना खुद का ऐप स्टोर लॉन्च करने के लिए भी हाथ मिलाया।
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