karpuri thakur: मोदी सरकार भारत रत्न देने वाली कर्पूरी ठाकुर जिन्हें बिहार की सियासत का भीस्म पितामह भी कहा जाता है कर्पूरी ठाकुर जिनके बारे में कहा जाता है कि दलितों पिछड़ों शोषितों वंचितों के वो मसीहा रहे बिहार में मौजूदा दौर में जितने भी बड़े राजनेता या जो बड़े राजनेता बीते कुछ दशकों में हुए हैं जैसे कि नीतीश कुमार, रामविलास पासवान ,लालू प्रसाद यादव या और भी जीतने बड़े नेता हैं उनको लेकर कहा जाता है कि वो सब कर्पूरी ठाकुर style of politics से निकले हुए है उनसे inspired हुए ऐसे में जब नीतीश कुमार की एक मुलाकात दिल्ली में बड़े नेताओं से होती है और JDU ये मांग करती हैं कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए और फिर देर शाम होते होते ये खबर आती है कि भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है तो हमें लगा कि कर्पूरी ठाकुर जी के बारे में आपको बताए क्योंकि बिहार की राजनीति बिना कर्पूरी ठाकुर की चर्चा की पूरी नहीं हो सकती |
कर्पूरी ठाकुर की जीवनी|
कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और 2 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक भी कहा जाता था। कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब इस गांव को उनके नाम पर “कर्पूरीग्राम” भी कहा जाता है, उनका जन्म कुर्मी जाति में हुआ था। जननायक जी के पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमांत किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा हल चलाने का काम करते थे।भारत छोड़ो आन्दोलन के समय उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए थे। वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत रहे।1952 में अपनी शुरुआती जीत के बाद, अपनी संयमित जीवनशैली और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से उत्पन्न व्यापक अपील के कारण वे हर अगले चुनाव में लगातार विजयी हुए। कर्पूरी ठाकुर ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों सहित हाशिये पर पड़े समुदायों के अधिकारों की सक्रिय रूप से वकालत की। सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनकी राजनीतिक विचारधारा का एक प्रमुख पहलू थी।
उनके लिए भारत रत्न पुरस्कार की घोषणा 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती से पहले की गई है।
माननीय प्रथानमंत्री जी के द्वारा दी गई जानकारी|
मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी… pic.twitter.com/hRkhAjfNH3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024